और इसी तरह तुझे तेरा रब चुन लेगा और तुझे बातों का अंजाम निकालना सिखाएगा और तुझ पर अपनी नेमत पूरी करेगा और याक़ूब के घर वालों पर जिस तरह तेरे पहले दोनों बाप दादा इब्राहीम और इसहाक़ पर पूरी की बेशक तेरा रब इल्म व हिकमत वाला है
जब बोले कि ज़रूर यूसुफ़ और उसका भाई हमारे बाप को हम से ज़्यादा प्यारे हैं और हम एक जमाअत (समूह) हैं बेशक हमारे बाप खुल्लम खुल्ला उनकी महब्बत में डूबे हुए हैं
फिर जब उसे ले गए और सब की राय यह ठहरी कि उसे अंधे कुंएं में डाल दें और हमने उसे वही भेजी कि ज़रूर तू उन्हें उनका यह काम जता देगा ऐसे वक़्त कि वो न जानते होंगे
बोले ऐ हमारे बाप हम दोड़ करते निकल गए और यूसुफ़ को अपने असबाब के पास छोड़ा तो उसे भेड़िया खा गया और आप किसी तरह हमारा यक़ीन न करेंगे अगरचे हम सच्चे हों
और उसके कुर्ते पर एक झूटा ख़ून लगा लाए कहा बल्कि तुम्हारे दिलों ने एक बात तुम्हारे वास्ते बना ली है तो सब्र अच्छा और अल्लाह ही से मदद चाहता हूँ उन बातों पर जो तुम बता रहे हो
और एक क़ाफ़िला आया उन्होंने अपना पानी लाने वाला भेजा तो उसने अपना डोल डाला बोला आहा कैसी ख़ुशी की बात है यह तो एक लड़का है और उसे एक पूंजी बनाकर छुपा लिया और अल्लाह जानता है जो वो करते हैं
और मिस्र के जिस शख्स ने उसे ख़रीदा वह अपनी औरत से बोला इन्हें इज़्ज़त से रख शायद इन से हमें नफ़ा पहुंचे या इनको हम बेटा बनालें और इसी तरह हमने यूसुफ़ को इस ज़मीन में जमाव दिया और इसलिये कि उसे बातों का अंजाम सिखाएं और अल्लाह अपने काम पर ग़ालिब है मगर अक्सर आदमी नहीं जानते
और वह जिस औरत के घर में था उसने उसे लुभाया कि अपना आपा न रोके और दरवाज़े सब बन्द कर दिये और बोली आओ तुम्हीं से कहती हूँ कहा अल्लाह की पनाह वह अज़ीज़ तो मेरा रब यानी पर्वरिश करने वाला है उसने मुझे अच्छी तरह रखा बेशक ज़ालिमों का भला नहीं होता
और बेशक औरत ने उसका इरादा किया और वह भी औरत का इरादा करता अगर अपने रब की दलील न देख लेता हमने यूंही किया कि उससे बुराई और बेहयाई को फेर दे बेशक वह हमारे चुने हुए बन्दों में से है
और दोनों दरवाज़े की तरफ़ दौड़े और औरत ने उसका कुर्ता पीछे से चीर लिया और दोनों को औरत का मियाँ दर्वाज़े के पास मिला बोली क्या सज़ा है इसकी जिसने तेरी घरवाली से बदी चाही मगर यह कि कै़द किया जाय या दुख की मार
कहा इसने मुझको लुभाया कि मैं अपनी हिफ़ाज़त न करूं और औरत के घरवालों में से एक गवाह ने गवाही दी अगर इनका कुर्ता आगे से चिरा है तो औरत सच्ची है और इन्होंने ग़लत कहा
तो जब ज़ुलैख़ा ने उनका चकरवा सुना तो उन औरतों को बुला भेजा और उनके लिये मसनदें तैयार की और उनमें हर एक को छुरी दे दी और यूसुफ़ से कहा इनपर निकल आओ जब औरतों ने यूसुफ़ को देखा उसकी बड़ाई बोलने लगीं और अपने हाथ काट लिये और बोली अल्लाह को पाकी है ये तो जिन्से बशर से नहीं ये तो नही मगर कोई मोअझझ फरिश्ता
ज़ुलैख़ा ने कहा तो ये है वो जिनपर तुम मुझे ताना देती थीं और बेशक मैंने इनका जी लुभाना चाहा तो इन्होंने अपने आपको बचाया और बेशक अगर वह यह काम न करेंगे जो मैं उनसे कहती हूँ तो ज़रूर क़ैद में पड़ेंगे और वो ज़रूर ज़िल्लत उठाएंगे
यूसुफ़ ने अर्ज़ की ऐ मेरे रब मुझे क़ैद ख़ाना ज़्यादा पसन्द है इस काम से जिसकी तरफ़ ये मुझे बुलाती हैं और तू मुझसे इनका मक्र न फेरेगा तो मैं इनकी तरफ़ माइल होऊंगा और नादान बनूंगा
और उसके साथ क़ैद ख़ाने में दो जवान दाख़िल हुए उनमें एक बोला मैंने ख़्वाब देखा कि शराब निचोड़ता हूँ और दूसरा बोला मैं ने ख़्वाब देखा कि मेरे सर पर कुछ रोटियाँ हैं जिन में से परिन्दे खाते हैं, हमें इसकी ताबीर बताइये, बेशक हम आपको नेकोकार देखते हैं
यूसुफ़ ने कहा जो खाना तुम्हें मिला करता है वह तुम्हारे पास न आने पाएगा कि मैं उसकी ताबीर उसके आने से पहले तुम्हें बता दूंगा यह उन इल्मों में से है जो मुझे मेरे रब ने सिखाया है, बेशक मैंने उन लोगों का दीन न माना जो अल्लाह पर ईमान नहीं लाते और वो आख़िरत से मुनकीर हे
और मैं ने अपने बाप दादा इब्राहीम और इसहाक़ और याक़ूब का दीन इख़्तियार किया हमें नहीं पहुंचता कि किसी चीज़ को अल्लाह का शरीक ठहराएं यह यह अल्लाह का एक फ़ज़्ल है हम पर और लोगों पर मगर अक्सर लोग शुक्र नहीं करते
तुम उसके सिवा नहीं पूजते मगर निरे नाम जो तुम ने और तुम्हारे बाप दादा ने तराश लिये हैं अल्लाह ने उनकी कोई सनद न उतारी, हुक्म नहीं मगर अल्लाह का, उसने फ़रमाया कि उसके सिवा किसी को न पूजो यह सीधा दीन हे लेकिन अक्सर लोग नही जानते
ऐ क़ैदख़ाने के दोनो साथियों तुम में एक तो अपने रब (बादशाह) को शराब पिलाएगा रहा दूसरा वह सूली दिया जाएगा तो परिन्दे उसका सर खाएंगे हुक्म हो चुका उस बात का जिसका तुम सवाल करते थे
और यूसुफ़ ने उन दोनों में से जिसे बचता समझा उससे कहा अपने रब {बादशाह} के पास मेरा ज़िक्र करना तो शैतान ने उसे भुला दिया कि अपने रब {बादशाह} के सामने यूसुफ़ का ज़िक्र करे तो यूसुफ़ कई बरस और जेलख़ाने में रहा
और बादशाह ने कहा मैं ने ख़्वाब में देखीं सात गाएं फर्बा कि उन्हें सात दुबली गाएं खा रही हैं और सात बालें हरी और दूसरी सात सूखी ऐ दरबारियों मेरे ख़्वाब का जवाब दो अगर तुम्हें ख़्वाब की ताबीर आती हो
ऐ यूसुफ़ ऐ सिद्दीक़ हमें ताबीर दीजिये सात फर्बा गायों की जिन्हें सात दुबली खाती हैं और सात हरी बालें और दुसरी सात सूखी शायद मैं लोगों की तरफ़ लौट कर जाऊं शायद वो आगाह हों
और बादशाह बोला कि उन्हें मेरे पास ले आओ,तो जब उसके पास एलची आया कहा अपने रब {बादशाह} के पास पलट जा फिर उससे पूछ क्या हाल है उन औरतों का जिन्होंने अपने हाथ काटे थे बेशक मेरा रब उनका फरेब जानता है
बादशाह ने कहा ऐ औरतों तुम्हारा काम कया थ। जब तुमने यूसुफ़ का दिल लुभाना चाहा बोलीं अल्लाह को पाकी है हमने उनमें कोई बदी न पाई अज़ीज़ की औरत बोली अब असली बात खुल गई मैं ने उनका जी लुभाना चाहा था और वो बेशक सच्चे हैं
फिर जब वो अपने बाप की तरफ़ लौटकर गए बोले ऐ हमारे बाप हमसे ग़ल्ला रोक दिया गया है तो हमारे भाई को हमारे साथ भेज दीजिये कि ग़ल्ला लाएं और हम ज़रूर इसकी हिफ़ाज़त करेंगे
कहा क्या इसके बारे में तुमपर वैसा ही भरोसा कर लूं जैसा पहले इसके भाई के बारे में किया था तो अल्लाह सबसे बेहतर निगहबान और वो हर मेहरबान से बढ़कर मेहरबान
और जब उन्होंने अपना सामान खोला अपनी पूंजी पाई कि उनको फेर दी गई है बोले ऐ हमारे बाप अब हम और क्या चाहें यह है हमारी पूंजी कि हमें वापस कर दी गई और एक ऊंट का बोझा और ज़्यादा पाएं, यह दुनिया बादशाह के सामने कुछ नहीं
कहा मैं हरगिज़ इसे तुम्हारे साथ न भेजूंगा जब तक तुम मुझे अल्लाह का यह एहद न दे दो कि ज़रूर उसे लेकर आओगे मगर यह कि तुम घिर जाओ फिर जब उन्होंने याक़ूब को एहद दे दिया कहा अल्लाह का ज़िम्मा है उन बातों पर जो हम कह रहे हैं
और कहा ऐ मेरे बेटो एक दरवाज़े से न दाख़िल होना और अलग अलग दरवाज़ों से जाना मैं तुम्हें अल्लाह से बचा नहीं सकता आदेश तो सब अल्लाह ही का है मैने उसी पर भरोसा किया और भरोसा करने वालों को उस पर भरोसा करना चाहिए।
और जब वह दाखिल (प्रवेश) हुए जहां से उनके बाप ने आदेश दिया था वह कुछ उन्हें अल्लाह से बचा नहीं सकता, हाँ याकूब के जी की एक इच्छा थी जो उसने पूरी कर ली और बेशक (वास्तव में) वह साहीबे ईल्म है हमारे सिखाए से मगर अक्सर लोग नहीं जानते
तो पहले उनकी ख़ुर्जियों की तलाशी शुरू की अपने भाई की ख़ुर्जी से पहले फिर उसे अपने भाई की ख़ुर्जी से निकाल लिया हमने यूसुफ़ को यह तदबीर बताई बादशाही क़ानून में उसे नहीं पहुंचता था कि अपने भाई को ले ले मगर यह कि खुदा चाहे हम जिसे चाहे दर्जों बलन्द करें और हर इल्म वाले से ऊपर एक इल्म वाला है
भाई बोले अगर यह चोरी करे तो बेशक इससे पहले इसका भाई चोरी कर चुका है तो यूसुफ़ ने यह बात अपने दिल में रखी और उनपर ज़ाहिर न की, जी में कहा तुम बदतर जगह हो और अल्लाह ख़ूब जानता है जो बातें बनाते हो
फिर जब इससे ना उम्मीद हुए अलग जाकर कानाफ़ूसी करने लगे, उनका बड़ा भाई बोला क्या तुम्हें ख़बर नहीं कि तुम्हारे बाप ने तुमसे अल्लाह का एहद ले लिया था और उससे पहले यूसुफ़ के हक़ में तुमने कैसी तक़सीर {अपराध} की तो मैं यहाँ से न टलूंगा यहां तक कि मेरे बाप इजाज़त दें या अल्लाह मुझे हुक्म फ़रमाए और उसका हुक्म सबसे बेहतर है
अपने बाप के पास लौट कर जाओ फिर अर्ज़ करो कि ऐ हमारे बाप बेशक आपके बेटे ने चोरी की और हम तो इतनी ही बात के गवाह हुए थे जितनी हमारे इल्म में थी और हम ग़ैब के निगहबान न थे
फिर जब वो यूसुफ़ के पास पहुंचे बोले ऐ अज़ीज़ हमें और हमारे घर वालों को मुसीबत पहुंची और हम बेक़दर पूंजी लेकर आए हैं तो हमें पूरा नाप दीजिये और हम पर ख़ैरात कीजिये बेशक अल्लाह ख़ैरात वालों को सिला देता है
बोले क्या सचमुच आप ही यूसुफ़ हैं कहा मैं यूसुफ़ हूँ और यह मेरा भाई बेशक अल्लाह ने हमपर एहसान किया बेशक जो परहेज़गारी और सब्र करे तो अल्लाह नेकों का नेग ज़ाया (नष्ट) नहीं करता
फिर जब ख़ुशी सुनाने वाला आया उसने वह कुर्ता यअक़ूब के मुंह पर डाला उसी वक़्त उसक आँखें फिर आई कहा मैं न कहता था कि मुझे अल्लाह की वो शानें मालूम हैं जो तुम नहीं जानते
और अपने माँ बाप को तख़्त पर बिठाया और सब उसके लिये सिजदे में गिरे और यूसुफ़ ने कहा ऐ मेरे बाप यह मेरे पहले ख़्वाब की ताबीर है बेशक उसे मेरे रब ने सच्चा किया, और बेशक उसने मुझपर एहसान किया कि मुझे क़ैद से निकाला और आप सब को गाँव से ले आया बाद इसके कि शैतान ने मुझ में और मेरे भाइयों में नाचाक़ी (शत्रुता) करा दी थी, बेशक मेरा रब जिस बात को चाहे आसान करदे, बेशक वही इल्म व हिकमत वाला है
ऐ मेरे रब बेशक तूने मुझे एक सल्तनत दी और मुझे छुपी बातों का अंजाम निकालना सिखाया,ऐ आसमानों और ज़मीन के बनाने वाले तू मेरा काम बनाने वाला है दुनिया और आख़िरत में, मुझे मुसलमान उठा और उनसे मिला जो तेरे क़ुर्ब(समीपता) ख़ास के लायक़ हैं
तुम फ़रमाओ यह मेरी राह है मैं अल्लाह की तरफ़ बुलाता हूँ, मैं और जो मेरे क़दमों पर चलें दिल की आँखें रखते हैं और अल्लाह को पाकी है और मैं शरीक करने वाला नहीं
और हमने तुम से पहले जितने रसूल भेजे सब मर्द ही थे जिन्हें हम वही (देव वाणी) करते और सब शहर के रहने वाले थे तो क्या ये लोग ज़मीन पर चले नहीं तो देखते उनसे पहलों का क्या अंजाम हुआ और बेशक आख़िरत का घर परहेज़गारों के लिये बेहतर तो क्या तुम्हें अक़्ल नहीं
यहाँ तक जब रसूलों को ज़ाहिरी असबाब की उम्मीद न रही और लोग समझे कि रसूलों ने उनसे ग़लत कहा था उस वक़्त हमारी मदद आई तो जिसे हमने चाहा बचा लिया गया और हमारा अज़ाब मुजरिम लोगों से फेरा नहीं जाता
बेशक उनकी ख़बरों से अक़्लमन्दों की आँखें खुलती हैं यह कोई बनावट की बात नहीं लेकिन अपने से अगले कामों की तस्दीक़ {पुष्टी} है और हर चीज़ का तफ़सीली (विस्तृत) बयान और मुसलमानों के लिये हिदायत और रहमत
Quran Sharif in Hindi
Simple click dropdown & select.
इंटरनेट पर यही एक ऐसी जगह है जहां आप कांजुल ईमान पढ़ सकते हैं। यहां आप कांजुल ईमान के हिंदी उर्दू और अंग्रेजी संस्करण पढ़ सकते हैं । इसके अलावा इरफान कुरान के हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी संस्करण भी पढ़ सकते हैं। यहां रोजाना कई लोग कुरान शरीफ पढ़ते हैं। कुरान शरीफ पढ़ने से बड़ा फायदा है। हम केवल अहले सुन्नत वल जमात के प्रामाणिक विद्वानों द्वारा अनुवादित कुरान ही प्रदान कर रहे हैं। अगर आप गूगल पर सर्च कर रहे हैं – quran sharif,quran in hindi,quran urdu,kanzul iman,kanzul iman hindi,kanzul iman urdu pdf,kanzul iman pdf,irfan ul quran etc, तो आप सही जगह पर आए हैं।
This is the only place on the internet where you can read Kanzul Iman. Here you will be able to read Kanzul Iman Hindi, Kanzul Iman Urdu and Kanzul Iman English versions. You can also read Irfan ul Quran with Hindi translation, Urdu translation and English translation. Many people read Quran Sharif here everyday. There are big benefits of reading Quran Sharif. We are providing Quran translations only by authentic scholars of Ahle Sunnah Wal Jamaat. If you are searching on Google – quran sharif,quran in hindi,quran urdu,kanzul iman,kanzul iman hindi,kanzul iman urdu pdf,kanzul iman pdf,irfan ul quran etc., then you have come to the right place.