Sufiyana2, Kashful Mahjub
हज़रत दाता गंजबख़्श अली हजवेरीؓ फ़रमाते हैं- दीने मुहम्मदी, दुनियाभर में सूफ़ीया किराम की बदौलत फैली। आज भी अगर इन्सान को सुकूने कल्ब चाहिए तो सूफ़ीयों की बारगाह में आना ही पड़ेगा। और ऐसा हो भी रहा है। लोग सूफ़ीयों की ख़ानक़ाहों में रब की तलाश कर रहे हैं और जो यहां नहीं आ...
Sufiyana1, Kashful Mahjub
और (ख़ुदाए) रहमान के ख़ास बन्दे तो वह हैं जो ज़मीन पर अख्लाक व इन्केसारी के साथ चलते हैं और जब जाहिल उनसे (जिहालत की) बात करते हैं तो वो उनको सलाम करते हैं। (क़ुरान25:63) हुजूरे अकरम ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि जो सूफियों की आवाज़ सुने और उनकी दुआ पर आमीन न कहे तो वो अल्लाह के...