ऐ जलालुद्दीन रूमी शाहؓ जाने अंजुमन। तेरी बज़्मे दिल में हैं, मस्नदनशीं ख़्वाजा हसनؓ। तेरी हस्ती बन गई है, यादे अस्लाफ़े कोहन। साया अफ़गन तुझ पे है, ज़िल्ले शाहे ज़मन। इश्क़़ की जल्वागरी अब तेरे अफ़साने में है। रौशनी ही रौशनी अब तेरे अफ़साने में है। तेरे...
यहां हम सूफ़ी जलालुद्दीन खि़ज़्र रूमीؓ की तालीमात से फ़ैज़ हासिल करेंगे। आप ज़िक्र की बहुत तालीम फ़रमाते हैं। इसका पहला हिस्सा हम पढ़ चुके हैं, पेश है इसका दुसरा हिस्सा… इक़रा कुल्बा बिस्मिल्लाह सल्लल्लाहो वलहम्दोलिल्लाह हसबी रब्बी जल्लल्लाह मा फ़ी...
खुदा का ज़िक्र – Khuda Ka Zikr यहां हम सूफ़ी जलालुद्दीन ख़िज़्र रूमी रज़ी. की तालिमात से फ़ैज़ हासिल करेंगे। आप ज़िक्र की बहुत तालीम फ़रमाते हैं इसलिए आईए सबसे पहले इसी के बारे में बात करते हैं… शौक़ है गर, हक़ परस्ती का, तो सुन, ऐ बेखबर! कर परस्तिश ज़ाते मौला, देख...