तु राज़ी रह मेरे मालिक…
कलाम. हज़रत ख़्वाजा ग़रीबनवाज़ؓ तजुर्मा. दर्द काकोरवी चु मन पुर जुर्मो इस्यानम तुई ग़फ़्फ़ार या अल्लाह।...
Read Moreकलाम. हज़रत ख़्वाजा ग़रीबनवाज़ؓ तजुर्मा. दर्द काकोरवी चु मन पुर जुर्मो इस्यानम तुई ग़फ़्फ़ार या अल्लाह।...
Read Moreये ज़मीं जब न थी, ये फ़लक जब न था, फिर कहां और कैसे थे ये मासिवा, कौन उल्टे भला, पर्दा असरार का,...
Read More