Sufiyana3, Prerak Prasang
मेहनत का अमृत गुरू नानक को चलते चलते शाम हो गई। पास के ही गांव में एक ग़रीब किसान के यहां ठहर गए। उस गांव के सेठ को खबर लगी तो वो भी पहुंचा। देखा कि गुरू जी किसान के साथ खाना खा रहे हैं और वो भी सूखी रोटी और दाल। ये सब देखकर सेठ ने कहा. आप ऐसा खाना क्यों खा रहे हैं? इस...
Sufiyana3, Prerak Prasang
जीवन दर्शन एक हज़रत से कुछ लोगों ने पूछा. जन्नत (स्वर्ग) और दोज़ख़ (नरक) क्या है? आपने उन्हें अगले दिन एक शिकारी के पास ले गए। वो शिकारी बहुत से जानवरों को शिकार करके लाया था, उन्हें मार डाला था। वहां का मंज़र उन लोगों को देखा नहीं गया और वहां से जाने लगे। जाते जाते हज़रत...
Sufiyana2, Prerak Prasang
नौशेरवां एक राजा थे। एक दिन वो भेष बदलकर कहीं जा रहे थे। रास्ते में उन्हें एक बुढ़ा किसान मिला। उस किसान के बाल पक गये थे, लेकिन उसमें जवानों जैसा जोश था। ये देख राजा ने पूछा. आपकी उम्र कितनी है। उस बुढ़े ने कहा. चार साल। राजा ने सोचा मज़ाक कर रहे हैं। जब फिर पूछने पर भी...
Sufiyana2, Prerak Prasang
अन्त में यह- आप लोग प्रभु से और उसके अपार सामर्थ्य से बल ग्रहण करें, आप ईश्वर के अस्त्र-शस्त्र धारण करें, जिससे आप शैतान की धूर्तता का सामना करने में समर्थ हों, क्योंकि हमें निरे मनुष्यों से नहीं, बल्कि इस अन्धकारमय संसार के अधिपतियों, अधिकारियों तथा शासकों और आकाश...
Sufiyana1, Prerak Prasang
जीवन दर्शन मनुष्य के प्रकार परमहंस जी अपने शिष्यों के साथ टहल रहे थे। देखा कि एक मछुआरा जाल फेंककर मछली पकड़ रहा है। आप वहां ठहर गए और अपने शिष्यों से कहा कि ध्यान से इन मछलियों को देखो। कुछ मछलियां जाल में निश्चल पड़ी हैं, तो कुछ जाल से निकलने की कोशिश कर रही हैं लेकिन...