लोगों के ज़ेहन में हमेशा ये सवाल रहा है कि पहले सूफ़ी कौन हैं? कोई हज़रत अबूज़र ग़फ़्फ़ारीؓ को मानते हैं, जिनके लिए सबसे पहले सूफ़ी लफ़्ज़ का इस्तेमाल हुआ। तो कोई हज़रत उवैस करनीؓ को, जिनका मुकाम सहाबियों पर भारी है। तो कोई हसन बसरीؓ को, जो चार पीर में से है। इसमें अलग [...]
ग़ौसुल आज़म मोहीउद्दीन अब्दुल का़दिर जिलानीؓ फ़रमाते हैं- मारफ़त ये है कि मकनुनात के पर्दों में जो मख़्फ़ी मआनी हैं और तमाम अशया में वहदानियत के मआनी पर और हर शय में इशारा के साथ हक़ के शवाहिद पर इत्तेला हो। हर एक फ़ानी के फ़ना में हक़ीक़त के इल्म का तदराक ऐसे वक़्त में [...]
हज़रत उमर फ़ारूक़ؓ फ़रमाते हैं कि एक रोज़ हुज़ूरﷺ की बारगाह में एक सफेद कपड़े पहने, काले बालों वाला शख़्स हाज़िर हुआ। उसके चेहरे से सफ़र की थकान नज़र नहीं आ रही थी। हम में से कोई भी उसे पहचानता न था। वो शख़्स हुज़ूरﷺ के सामने, जानू से जानू मिलाकर बैठ गया और हुज़ूरﷺ [...]
Tasawwuf Kya Hai - सूफ़ी, शरीअत के ज़ाहिरी अरकान के साथ साथ बातिनी अरकान भी अदा करते हैं। इस ज़ाहिरी और बातिनी शरीअत के मेल को ही तसव्वुफ़ कहते हैं। यही पूरे तौर पर इस्लाम है, यही हुजूर ﷺ की मुकम्मल शरीअत है। क्योंकि इसमें दिखावा नहीं है, फरेब नहीं है। इसमें वो सच्चाई वो [...]